उरई, नवम्बर 20 -- जालौन। उदोतपुरा में नौ दिवसीय रामकथा के चौथे दिन शास्त्री अमरदीप अवस्थी ने श्रीराम के बाल्यकाल, गुरु वशिष्ठ द्वारा शिक्षा दीक्षा के प्रसंगों के बारे में बताया। उदोतपुरा सरकार हनुमान मंदिर पर आयोजित रामकथा में अमरदीप अवस्थी ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन मर्यादा, सेवा और सत्य का प्रतीक है। उनके चरित्र से हमें यह सीख मिलती है व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी संयम नहीं खोना चाहिए। बताया प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त की और यज्ञ रक्षा के लिए महर्षि विश्वामित्र के साथ वनगमन किया। वन गमन के दौरान ताड़का का वध कर धर्म की रक्षा की। कहा आज हमें श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में संयम, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा की भावना को अपनाना चाहिए।

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