सिद्धार्थ, मई 16 -- डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन में, व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए जीवन को आनंदमय बनाकर अपना आत्मकल्याण करें। नहीं तो यह कथा केवल मनोरंजन तक ही सीमित रह जाएगी। ये बातें डुमरियागंज क्षेत्र के बेनीनगर गांव में चल रहे भागवत कथा में बुधवार की रात कथावाचक पंडित राकेश शास्त्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सदगुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण करते हुए भागवत कथा सुनने की जरूरत है। भागवत कथा सुनने से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़...