बाराबंकी, अगस्त 3 -- सतरिख। कस्बे के पास स्थित देवघरा माता मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कथा वाचक स्वामी राजेन्द्रानंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तों को भागवत कथा की महत्ता बताते हुए कहा कि "भागवत" को "श्रीमद्भागवत" कब और क्यों कहा गया। इसकी भी विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत वह ग्रंथ है। जो भगवान की लीलाओं जैसे कई प्रसंगों के माध्यम से धर्म, भक्ति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। इस ग्रंथ को व्यासदेव ने रचा और शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को सुनाया। जब भक्त इस ग्रंथ की महिमा को जानने और समझने लगे तभी से इसे 'श्रीमद्भागवत कहा जाने लगा। कथा के दौरान श्रद्धालु भावविभोर नजर आए और भजन-कीर्तन के साथ वातावरण भक्तिमय हो गया। आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओ...
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