कटिहार, नवम्बर 29 -- कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि डीएलएड में नामांकन का समय नजदीक है, लेकिन कटिहार के अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब सीट नहीं, बल्कि फीस का भारी अंतर बन गया है। जिले के सरकारी डीएलएड कॉलेजों में जहां एक साल की फीस लगभग 11 हजार रुपये है, वहीं निजी कॉलेजों में यही फीस 60 हजार रुपये तक पहुंच गई है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में यह राशि डेढ़ लाख के करीब जा रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों पर भारी बोझ पड़ रहा है। कटिहार के सरकारी कॉलेजों में सिर्फ 500 सीटें हैं और निजी कॉलेजों में लगभग 1000 सीटें, जबकि पूरे बिहार में डीएलएड परीक्षा में ढाई लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। सूबे में सरकारी सीटें मात्र 9100 ही हैं, ऐसे में लाखों अभ्यर्थियों को मजबूरी में निजी कॉलेजों के दरवाजे खटखटाने पड़ रहे हैं, जहां फीस पांच ग...