चंदौली, जुलाई 18 -- धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। गांव के सीवान की पगडंडियों से गुजरते हुए इन दिनों खेतों में धान रोपतीं महिलाओं के स्वर में कइसे गावै जइबू सावन में कजरिया, बदरिया घेरी आई ननदी..जैसे गीत मन को आनंदित कर दे रहे हैं। आसमान में छाई बदली और रिमझिम बारिश के साथ मंद मंद हवा और पानी से लबालब भरे खेत। ऐसे में धान का बेहन लेकर रोपनी करती महिलाओं का यह विहंगम दृश्य अपने आप में न केवल मनोरम छटा बिखेर रहा है। बल्कि उनके साथ-साथ महिलाओं के मौसमी गीत (कजरी) सुनकर उस ओर से गुजरते लोगों का ध्यान भी बरबस उनकी ओर खींच जा रहा है। बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह हुई भारी बारिश से खेत खलहान और गलियां हर ओर पानी भर गया है। इससे धान की रोपाई का काम भी तेज हो गया है। जिले के बुजुर्ग बताते हैं कि महज कुछ दशक पहले तक कजरी गाये बिना धान की रोपाई होती...
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