कुशीनगर, मई 6 -- कुशीनगर। अस्थमा सांस से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे बहुत से लोगों को जकड़ चुकी है। जनपद मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज के चेस्ट विभाग के डॉक्टरों की मानें तो ओपीडी में आने वाले सांस के मरीजों में 40 फीसदी इससे ग्रसित पाए जा रहे हैं। यदि समय रहते इसका ठीक से उपचार न कराया जाए तो यह बीमारी भी आगे चलकर काफी तकलीफदेय बन जाती है। चेस्ट विभाग के डॉ. सुमित आर्या ने बताया कि अस्थमा एक पुरानी (क्रॉनिक) सांस की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों की वायु नलिकाएं संकुचित और सूज जाती हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन बच्चों में यह अधिक आम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 26 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित हैं और यह हर साल लाखों लोगों के जीव...