गढ़वा, मार्च 23 -- गढ़वा। महिला काव्य मंच की गढ़वा इकाई ने रविवार को ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी का कल्पना द्विवेदी ने मंगलाचरण और सरस्वती वंदना के साथ शुरुआत की। कवयित्री दीपमाला ने गुड़िया जैसी शक्ल है तेरी गुड़िया बन जाती... काव्य पाठ किया। पूनम श्री ने बेरंग ज़िंदगी में रंग भरती आज की नारी गीत रचना की सुंदर प्रस्तुति की। कल्पना द्विवेदी ने सुंदर गजल गुनगुनाने लगा आयना प्रस्तुत की। उसके अलावा किरण ने नारी की मनोकामनाओं पर केंद्रित अपनी कविता से सबको प्रभावित किया। जयपूर्णा विश्वकर्मा की कविता चलती रही मेरी कलम नंगे पांव सुनाकर साहित्य की महती भूमिका बताई। गोष्ठी में रांची की कवयित्री सुनीता अग्रवाल ने बेटी की विदाई के भावपूर्ण दृश्य को कविता में पिरोया तो रेखा जैन ने अपनी कविता में संपूर्ण मानव समाज के ...
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