बागपत, जनवरी 30 -- माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाओं की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है। इस बार रैंडम आधार पर 5 प्रतिशत विद्यालयों का ऑडिट किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की जा सके। कार्रवाई के साथ ही वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को निर्देश जारी किए हैं। यदि किसी राजकीय विद्यालय में प्रयोगशाला, आवश्यक उपकरण या अन्य संसाधनों की कमी पाई जाती है, तो डीआईओएस जिम्मेदार होंगे। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में संसाधनों की कमी होने पर प्रधानाचार्य और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई होगी, जबकि वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता रद्द की जा सकती है। प्रायोगिक परीक्षा के लिए एक विशेष एप को विकसित करने की जानकार...