अमरोहा, मार्च 17 -- शहर के मोहल्ला घेर करम अली खां स्थित इमामबाड़े में शनिवार रात नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हसन की यौमे विलादत पर महफिल का आयोजन किया गया। शायरों ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही हासिल की। अमरोहा अजादारी इंडिया ग्रुप के संयोजन में सजी महफिल की शुरुआत मौलाना मंजर सिरसिवी ने तिलावत कलाम-ए-इलाही से की। मास्टर इरफान हैदर ने हदीसे किसा और नात का नजराना रिजवान अमरोहवी ने पेश किया। मूसी रजा ने यूं पढ़ा...क्या इससे बढ़के भी कोई कायम मकाम है, पुश्ते रसूल पर कफे पाए इमाम है। फहमी अमरोहवी ने कहा...मददाहए अहले बैत में मेरा भी नाम है, ऐ मां की परवरिश तुझे मेरा सलाम है। फराज अर्शी ने फरमाया...जन्नत जिसे भी चाहिए बहलोल से मिले, ये सब हसन के चाहने वालों का काम है। डा.नसीर अमरोहवी ने पढ़ा... रोजे में तशना लब रहो म...
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