नई दिल्ली, अक्टूबर 15 -- तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा बिछाया गया जाल 'पूरी तरह से अवैध था, क्योंकि ऐसा बिना कोई प्राथमिकी दर्ज किए किया गया था। रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बुधवार को न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ के समक्ष दलील दी कि कथित तौर पर रिश्वत देने वाले के रूप में उनका अभियोजन कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। रोहतगी ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही जाल बिछा दिया गया। यह जाल पूरी तरह से गैरकानूनी है क्योंकि सीआरपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज होने से पहले कोई भी जांच शुरू नहीं हो सकती। न तो कोई जनरल डायरी (जीडी) एंट्री थी और न ही कोई प्राथमिकी। वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया ...