नई दिल्ली, सितम्बर 19 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र की एक याचिका खारिज कर दी। याचिका में विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम, 2010 के तहत एक संगठन के पंजीकरण के नवीनीकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी। यह मामला न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि नवीनीकरण इसलिए नहीं किया गया क्योंकि इसमें एफसीआरए अधिनियम की धारा-7 का कथित उल्लंघन हुआ है। अधिनियम की धारा-7 विदेशी अंशदान को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित करने पर प्रतिबंध से संबंधित है। पीठ ने पूछा कि और क्या? क्या उन्होंने कोई गबन किया है? क्या उन्हें मिले धन का कोई दुरुपयोग हुआ है? ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं है। अगर वे कोई सामाजिक सेवा कर रहे हैं, तो आपको क्या समस्या है? वकील ने जब दोबारा अधिनियम की धारा 7 का हव...