धनबाद, जून 14 -- धनबाद, प्रमुख संवाददाता। जलापूर्ति को लेकर झमाडा पर बकाया बिजली बिल के विवाद के समाधान के लिए डीसी आदित्य रंजन ने फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) और हिन्दुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड (हर्ल) के साथ बैठक की। एफसीआईएल के यूनिट इंचार्ज ने बताया कि कंपनी ने अप्रैल-2003 से जुलाई-2019 तक जलापूर्ति योजना का लाभ लिया। इसके लिए एफसीआईएल ने उपभोक्ताओं से वसूली भी की, जबकि अगस्त-2019 से जून-2022 तक हर्ल ने संयंत्र के निर्माण के लिए पानी का इस्तेमाल किया। डीसी ने एफसीआईएल के प्रतिनिधि को अप्रैल-2003 से जुलाई-2019 तक जलापूर्ति के बदले उपभोक्ताओं से वसूली गई राशि की विवरणी देने का निर्देश दिया। साथ ही हर्ल का अगस्त-2019 से जून-2022 तक जलापूर्ति योजना का कितना लाभ लिया, उसकी विवरणी देने का निर्देश दिया। वहीं झारखंड बिज...