नई दिल्ली, जुलाई 18 -- सुपीम कोर्ट ने शुक्रवार को मानसिक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों और जरूरतों की सुरक्षा से संबंधित 2017 के एक कानून के क्रियान्वयन के लिए दायर जनहित याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल से कहा कि वह 2018 में दायर जनहित याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पक्षकार बनाने के लिए एक आवेदन दायर करें। पीठ ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के क्रियान्वयन के लिए जनहित याचिका को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को हस्तांतरित किया जा सकता है। बंसल ने कहा कि क्रियान्वयन की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जा सकती है। पीठ ने कहा कि हम सिर्...