श्रीनगर, मार्च 6 -- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखंड के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने ग्रामीण भारत के लिए एक स्वच्छ और कुशल बायोमास कुकिंग स्टोव विकसित किया है। यह स्टोव गैसीफिकेशन प्रक्रिया और पोरस रेडियंट बर्नर तकनीक पर आधारित है, जो खाना पकाने के लिए बायोमास ईंधन का उपयोग करता है। इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे डॉ. नीरज कुमार मिश्रा ने जानकारी दी कि इसे विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (डीएसटी) की कोर रिसर्च ग्रांट योजना के तहत वर्ष 2022 में तीन वर्षों के लिए स्वीकृति मिली थी और यह मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। उत्तराखंड के जंगलों में हर वर्ष वनाग्नि की घटनाएं बड़े पैमाने पर बायोमास अपशिष्ट उत्पन्न करती हैं। यह परियोजना ऐसे कचरे का सतत ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करके पर्यावरणीय नुकसान को कम ...