गिरडीह, मई 9 -- झारखंडधाम। जमुआ प्रखंड के झारखंडधाम की सीमा से डेढ़ किलोमीटर दक्षिण अवस्थित धानोटांड़ में 107 घरों में महज़ 8 चापानल हैं। एक हजार की आबादी वाले इस गांव के विकास पर कभी किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। ऐसा यहां के ग्रामीणों का कहना है। गांव में पक्के रस्ते तक नहीं है।गर्मी में सुख रहे हलक में तरावट लाने के लिए चापानल अपर्याप्त हैं। आठ चापानल में दो बंद और बेकार हैं। जिसमें एक बिल्कुल मृत है एक को मरम्मत के बाद चालू किया जा सकता है। गांव में जल नल योजना भी हाथी दांत साबित हुआ है। दो जगह बोरिंग किए गए। जिसमें एक जगह चालू भी किया गया था जलापूर्ति और एक जगह चालू भी नहीं करवाया गया। एक जगह चालू किया गया उसमें भी अब नियमित आपूर्ति बंद है। ऐसे में कई लोगों को कच्चे कुएं से प्यासे हलक का प्यास बुझाना पड़ता है। कुछ सम्पन्न लोगों...