भागलपुर, अक्टूबर 14 -- कहलगांव हाट रोड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन कथा वाचन करते हुए कथा वाचक स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती महराज ने श्रीकृष्ण अवतार पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीकृष्ण एवं योगमाया का जन्म एक साथ हुआ था। जन्माष्टमी व्रत सिर्फ श्रीकृष्ण का ही नहीं योगमाया का भी माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैवस्वत मन्वंतर का 28वां द्वापर आठ लाख तिरसठ हजार आठ सौ पचहत्तर वर्ष का था। कथा के चौथे दिन कथा श्रवण के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।

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