संतकबीरनगर, मई 15 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में आधुनिकता और भौतिकता के इस समय में संयुक्त परिवार की कल्पना करना बेमानी सा लगता है। वह भी तब जब चंद रुपयों और जमीन के लिए भाई-भाई का और पुत्र पिता की हत्या कर दे रहा है। हर बात पर परिवार में विवाद और तेजी से विखंडन होने के प्रक्रिया भी बढ़ी है। लोगों के अन्दर से रिश्ते में प्रेम और अपनत्व का भाव समाप्त हो रहा है। ऐसे में आज भी संतकबीरनगर जिले में कुछ परिवार ऐसे मिल हैं जो संयुक्त परिवार की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। एक दो नहीं चार पीढ़ियां न सिर्फ एक ही घर में साथ रहती है, बल्कि चूल्हा भी एक ही जलता है। संयुक्त रूप से भोजन बनता है। सभी साथ खाते हैं। आपस में प्रेम इतना है कि सुख हो या दुख दोनों बराबर बांट लेते हैं। हम बात कर रहे हैं। जनपद के भिनखिनी निवासी डॉ. विनोद क...
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