फतेहपुर, मई 4 -- फतेहपुर। देश के अन्दर कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं जिससे समय धन के साथ ही संसाधनों का कई बार प्रयोग होता है। किसी भी जीवन्त लोकतंत्र में चुनाव एक अनिवार्य व सतत् प्रक्रिया होती है। लेकिन बार बार चुनाव समय व धन की बर्बादी है। एक साथ चुनाव से दोनों खर्चों को बचाया जा सकता है। यह बातें उन्होंने शनिवार को एक देश एक चुनाव पर प्रेक्षागृह में प्रबुद्ध संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि 1952 के बाद लगातार चार बार कांग्रेस सरकार में एकबार में ही लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए लेकिन कांग्रेस सरकार की तानाशाही दिखाते हुए 1972 में होने वाले प्रस्तावित आम चुनाव को अपने सुविधानुसार पूर्व ही 1970 में कराया गया। जिससे एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनावों में व्यवधान उत्पन्न हो गया, लेकिन देश के विकास में बाधक कई बार के चुनावों के सु...