नई दिल्ली, मई 1 -- नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को जाति जनगणना का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही कई साल से चले आ रहे विपक्षी दलों का बड़ा मुद्दा एक ही झटके में खत्म हो गया। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव समेत कई दलों के नेताओं ने जाति जनगणना को मुद्दा बना रखा था। इन नेताओं का कहना था कि भाजपा ओबीसी, एससी और एसटी विरोधी है और इसीलिए जाति जनगणना नहीं करा रही। अब सरकार ने जब यह फैसला ले लिया है तो उसने बढ़त बनाने की कोशिश की है। बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं। इसके अलावा 2027 में यूपी में ही चुनाव है। तब तक आंकड़े आएंगे और भाजपा इसके आधार पर चुनाव में भी उतरना चाहेगी। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि अब तक जाति जनगणना के सवाल पर कोई स्पष्ट रुख न अपनाने वाली भाजपा सरकार ने अचानक कैसे यह फैसला लिया। दरअसल भाजपा और संघ के सूत्रों ...