सीतापुर, सितम्बर 10 -- खैराबाद, संवाददाता। दरगाह आलिया सादिया हजरत बड़े मखदूम साहब में तीन दिवसीय 525वें उर्स के दूसरे दिन रात में एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसे संबोधित करते हुए मदरसा जामिया आरिफिया सैय्यद सरावा इलाहाबाद से आए मौलाना डॉ. जीशान मिस्बाही ने कहा हमें अपने बुजुर्गों की तालीमात पर अमल करना चाहिए। हजरत बड़े मखदूम साहब की जिंदगी को देखें और पढ़ें की अल्लाह और उसके रसूल को किस दर्जे तक चाहा था जो आज उन्हें यह स्थान प्राप्त है। सनद रहे कि मौलाना जीशान मिस्बाही ने हजरत बड़े मखदूम साहब पर शोध कर पीएचडी डिग्री हासिल की है। उन्होंने कहा कि बड़े मखदूम साहब की जिंदगी को समझने के लिए दिल की आंखों को खोलना होगा। उनसे जुड़े हुए लोगों से सच्ची मोहब्बत करके उनके हालात को जानना होगा। अल्लाह ने नबियों और रसूलों को दुनिया में भेजा कि मेरे पैग...
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