अमरोहा, दिसम्बर 20 -- अमरोहा। उर्से मुबीनी के मौके पर नगर के मोहल्ला सराय कोहना स्थित गुलरेज आरिफ के आवास पर वाहिद अमरोहवी की अध्यक्षता में नात की महफिल का आयोजन किया गया। आगाज तिलावते कुरआन से हुआ। शायरों ने नात शरीफ का नजराना बारगाहे रिसालत में पेश किया। डॉ.जमशेद कमाल ने पढ़ा...मेरी निगाहें तखययुल है उनकी उंगली पर, वो और होंगे जो टुकड़े कमर के देखते हैं। जुबैर इब्ने सैफी ने पढ़ा...दरे नबी पे जिसे कैद कर के रखा जाए, दुआ करो कि वो मुजरिम कभी बहाल न हो। सैय्यद शीबान कादरी ने कुछ यूं कहा...दावा-ए-गुलामी उसी इंसां का बजा है, जो उम्रभर आका के तरीके पे चला है। डॉ.लाडले रहबर ने पढ़ा...तबसरा कौम पे करना है तो ये लाजिम है, पहले खुद अपना भी किरदार संवारा जाए। शानदार अमरोहवी ने कहा...खुल्दे बरों से कम नहीं गुलरेज का मकां, जिक्र-ए-नबी का आज यहां एहत...