नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग को एक प्रतियोगी परीक्षा में शामिल न होने वाले उम्मीदवार का मेडिकल परीक्षण कराने का निर्देश दिया। अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित यह उम्मीदवार जनवरी 2022 में आयोजित झारखंड संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षा, 2021 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर चुका था, लेकिन तिथि को लेकर भ्रम के कारण मेडिकल परीक्षण में शामिल नहीं हो सका। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह यह समझ नहीं पा रही है कि उम्मीदवार जानबूझकर मेडिकल परीक्षण में शामिल होने से क्यों चूक गया और इस तरह, उसे इस मामले में ऐसी सजा क्यों दी गई। इसने कहा कि भले ही यह स्वीकार कर लिया जाए कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मेडिकल परीक्षण के लिए उपलब्ध न होने में उसकी लापरवाह...