सुल्तानपुर, मार्च 11 -- दोस्तपुर, संवाददाता जिले की सबसे बड़ी नगर पंचायत दोस्तपुर का प्राचीन शाहीपुल जो मुगलों के समय का एक ऐतिहासिक प्रतीक है, आज अपनी बदहाली की ओर बढ़ रहा है। यह पुल अब खस्ताहाल हो चुका है और इसके जर्जर हो जाने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है। जानकारों की मानें तो मझुई नदी पर बना यह पुल 300 साल से अधिक पुराना है। कुछ वर्ष पहले एक कंपनी द्वारा पुल के किनारे खोदकर केबिल डालने के बाद से इसकी देखरेख ठीक से नहीं की गई और अगले वर्ष बारिश के कारण पुल की दीवारें कमजोर हो गईं और मिट्टी बह जाने से पुल का किनारा गिर गया। यह पुल प्रयागराज, टांडा, बस्ती, गोरखपुर और अयोध्या की बसों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। साथ ही कादीपुर विधानसभा के लोग पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक इसी पुल के माध्यम से पहुंचते हैं। पुल पर लगे फारसी शिलाले...
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