गंगापार, मई 16 -- तीन दशक पूर्व जब ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप व सबमर्सिबल नहीं था, तो उस समय लोग कुंए से लोग पानी निकाल कर उपयोग करते रहे। यही नहीं इन कुंओं का पानी खेत की सिंचाई के लिए भी प्रयोग किया जाता रहा। इस वैज्ञानिक युग में आधुनिक उपकरण के बल पर जरूरतमंद लोगों में हैंडपंप लगवा लिया। जिससे कुंए उपेक्षित हो गए। इन कुंओं का उपयोग न होने से 95 फीसदी कुंए पूरी तरह सूख गए। बुजुर्गो की मानें तो तीन दशक पूर्व इन कुंओं से समय-समय पर पूजा होती थी। कुंआ की खोदाई कराना आसान नहीं था। काफी पैसे वाले ही कुंआ, जलाशय का निर्माण कार्य कराते रहे। इस वैज्ञानिक युग में कुंआ व तालाब दोनों की स्थिति दयनीय हो गई है। तालाबों में कुछ की स्थिति बहुत खराब है। वर्ष भर सिंचाई का पानी देने वाले अधिकांश तालाब या तो पाट दिए गए, अथवा पानी के अभाव में सूखे पड़े ह...