अलीगढ़, सितम्बर 11 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। टीबी यानी क्षय रोग को हराने के लिए दवा जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी है मरीज और स्वास्थ्यकर्मी के बीच बेहतर संवाद। अक्सर देखा जाता है कि कई मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं, जिससे उनकी हालत और गंभीर हो जाती है। ऐसे मामलों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसी चुनौती को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है, जिसमें उपचार के साथ-साथ संवाद पर भी बराबर जोर दिया जाएगा। जनपद में करीब 300 मरीज ऐसे हैं जो एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) दवाओं से इलाज ले रहे हैं। यह वे रोगी हैं जिनकी बीमारी सामान्य दवाओं से ठीक नहीं हो पाई। ऐसे मरीजों में निरंतरता और धैर्य सबसे अहम है। यदि वे बीच में दवा छोड़ते हैं तो बीमारी और भी जटिल हो जाती है। अब स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रह...