गढ़वा, फरवरी 3 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। 20 प्रखंडों और करीब 16 लाख की आबादी वाला गढ़वा जिला में कहीं भी उद्योग नहीं है। भवनाथपुर (घाघरा) चूना पत्थर खदान 6 मई 2014 को और 16 फरवरी 2020 को तुलसीदामर खदान बंद हो गया। उससे हजारों मजदूर बेकार हो गए। उनके चालू रहने से स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिल रहा था। उसके अलावा भवनाथपुर को इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर बनाने का मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। वहीं थर्मल पावर प्लांट की स्थापना भी नहीं हो सकी। तीन राज्यों बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे गढ़वा के लिए पलायन एक त्रासदी रही है। 14 फरवरी 2010 को बिहार से धनकटनी कर लौट रहे 30 बनिहारों की भगवान घाटी हादसा में मौत की घटना लोग अभी भी नहीं भूल पाए हैं। उसके अलावा भी एकाध महीने में जिलांतर्गत किसी न किसी हिस्से से काम की तलाश में बाहर गए मजदूर की मौत की खबरें...
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