देहरादून, अगस्त 8 -- आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में मौसम पूर्व चेतावनी को लेकर स्थानीय स्तर पर ऐसा कोई अलग से सिस्टम नहीं है। अधिकांश स्थानों पर सिर्फ बारिश को मापने के ही यंत्र लगे हैं। यहां टिहरी के सुरकंडा, पौड़ी के लैंसडौन और नैनीताल के मुक्तेश्वर में डॉप्लर रडार लगे हैं। नैनीताल के एरीज में स्ट्रैटोस्फीयर-ट्रोपोस्फीयर रडार है। बावजूद इसके मौसम पूर्व चेतावनी को लेकर पूरी निर्भरता भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) पर है। यहां से चेतावनी जारी होने पर एसएमएस से अलर्ट जरूर किया जाता है। बाकी जिला मुख्यालयों के अलावा तहसीलों और कुछ थानों में ही सायरन सिस्टम लगे हैं। धराली के आपदा के बाद मौसम पूर्व चेतावनी सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत महसूस की जा रही है। गढ़वाल में प्रमुख नदियों पर ही हैं चेतावनी सिस्टम उत्तरकाशी जिले की बिजली...