नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- विभूति नारायण राय,पूर्व कुलपति व साहित्यकार किसी भारतीय विश्वविद्यालय के कुलपति की कौन सी सलाह उसे अपने अध्यापकों के बीच अलोकप्रिय बना सकती है? क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि किसी अध्यापक को नियमित कक्षाएं लेने की हिदायत उसे किसी गाली से कम नहीं लगती। यह बात आपको अजीब लग सकती है कि जिस दायित्व के लिए चयन हुआ है, उसी में किसी शिक्षक की सबसे अधिक अरुचि हो। दुनिया में किसी अन्य मुल्क के लिए यह सच नहीं हो सकता, पर भारतीय शिक्षा जगत की यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने का दुस्साहस कोई हितधारक नहीं करता। अध्यापकों के संगठन केवल वेतन-भत्तों में वृद्धि या किसी अध्यापक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न हो, इसके लिए आंदोलन करते हैं। आपने कभी उन्हें अध्यापकों के नियमित रूप से अपनी कक्षाएं लेने या उनके बौद्धिक...