नई दिल्ली, जुलाई 10 -- नई दिल्ली। देश में बढ़ता ई-कचरा और बैटरी कचरा गंभीर पर्यावरणीय चुनौती बन गया है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 10% हिस्सा है। इस समस्या के समाधान पर मंथन करने के लिए, भारत रीसाइक्लिंग शो 2025 से पहले, मीडिया फ्यूजन और क्रेन कम्युनिकेशंस ने 27 जून को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में ई-कचरे और बैटरी अपशिष्ट के संग्रह और पर्यावरण के अनुकूल निपटान की पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं। इंडिया लीड जिंक डेवलपमेंट एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक एल. पुगाझेंथी ने बैटरी संग्रह में अनौपचारिक क्षेत्र की भूमिका पर चिंता जताई। टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर, सतीश सिन्हा ने नियमों में ढिलाई बरतने पर प्रकाश डाला। जिससे ...