कानपुर, जून 1 -- कानपुर। चिन्मय मिशन के आईएमए प्रेक्षागार में चल रहे गीता ज्ञान यज्ञ में अंतिम दिन रविवार को कर्मयोग पर कथा हुई। स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती ने कहा कि मनुष्य बिना कर्म किए नहीं रह सकता है। कर्म और उसके फल के मायाजाल में फंसता चला जाता है। उन्होंने कहा कि निष्काम भाव से कर्म करने पर व्यक्ति कर्म बंधन में फंसता नहीं है। उन्होंने कहा कि हर कर्म इश्वर की प्रेरणा मान कर करना चाहिए। यहां स्वामी राघवानंद, ब्रह्मचारिणी भगवती चैतन्य, विजय पांडेय, गुलशन धूपर, राजेश गुप्ता, कुसुम भांडोह, सुरभि गुप्ता, मनोज शुक्ला, विनय सानन, डॉ. मनोज अवस्थी आदि उपस्थित रहे।

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