जामताड़ा, अप्रैल 20 -- ईश्वर का शब्द रूप है भागवत : ब्रह्मचारी कुंडहित प्रतिनिधि। प्रखंड के पाथरचूर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम के पांचवें दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक सुबल कृष्ण ब्रह्मचारी ने भगवान श्री कृष्ण के माखन चोरी, गो चारण जैसी बाल जीवन की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होने कहा की श्रीमद् भागवत ईश्वर का शब्द रूप है जिस प्रकार हम विग्रहो और मूर्तियों को भगवान का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं। उसी प्रकार श्रीमद् भागवत ईश्वर का शब्द रूप होता है। भागवत के श्रवण, स्मरण और वाचन से व्यक्ति के साथ-साथ पूरे जगत का कल्याण सुनिश्चित होता है। व्यक्ति को मोक्ष और कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत कथा का न सिर्फ श्रवण करना चाहिए बल्कि वहां बताए गए गई बातों का अनुपालन भी करना चाहिए। कथावाचक ने कहा की अवतारों में मूल अवतार श्री कृष्ण के रूप में...