जमशेदपुर, मार्च 28 -- गालूडीह। संवाददाता रमजान महीने के बाद शव्वाल की पहली तारीख शुक्रवार को ईद-उल-फितर का पर्व मनाया गया ।जिसे मीठी ईद भी कहते हैं।लेकिन ईद से पहले आता है रमजान महीने का आखिरी शुक्रवार. इसे अलविदा जुमा, जुमातुल विदा या जमात-उल-विदा भी कहते हैं। रमजान महीने का अंतिम शुक्रवार मुसलमानों के लिए ईद पर्व की तरह होता है और इसी के तहत घाटशिला बस्ती, मौभण्डार, नवाब कोठी, फूलपल और गालूडीह के मस्जिदों में अलविदा जुम्मा की नमाज के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। मस्जिदों के इमामों द्वारा रमजान के तीसरे असरा की फजीलतों पर तकरीर की एवं गुनाहों की मग़फ़ेरत के लिए दुआ मांगी गई। देश मे अमन-चैन,तरक्की और भाईचारे की दुआ मांगी गई। गालूडीह जामा मस्जिद के इमाम हाफिज जियाउल हक ने अपने बयान में कहा नमाज की कोई माफी नही है हर हालवमे नमाज पढ़ना है। रमजान की 21वीं, ...
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