देवरिया, मार्च 10 -- देवरिया, निज संवाददाता। इस बार रोजगार सेवकों की होली फीकी रहेगी। होली पर भी रोजगार सेवकों को बकाया मानदेय नहीं मिला है। उनका 4 से 8 महीने तक का मानदेय बकाया है। रोजगार सेवक कर्ज लेकर परिवार चलाने को मजबूर हैं। दैनिक खर्च तथा बच्चों की पढ़ाई, दवाई के लिए रोजगार सेवकों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मनरेगा योजना के तहत 17 साल पहले ग्राम पंचायतों में रोजगार सेवकों की तैनाती की गयी। उन्हे मनरेगा की कार्य योजना बनाने, कार्य कराने, मस्टरोल बनाने तथा भुगतान की प्रक्रिया को पूरा कराने की जिम्मेदारी होती है। जिले की ग्राम पंचायतों में वर्तमान में कुल 756 रोजगार सेवक तैनात हैं। उन्हे महज 10 हजार रूपया मासिक मानदेय मिलता है। लेकिन वह भी समय से नहीं मिलता है। मानदेय के लिए रोजगार सेवकों को महीनों इंतजार करना पड़ता ह...