नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- देश की अगली जनगणना 2027 में होगी जो कि 6 साल की देरी से कराई जाएगी। यह प्रक्रिया कई मायनों में खास रहने वाली है। ये पहली बार होगा जब जनगणना पूरी तरह डिजिटल तरीके से होगी। लोग खुद अपनी जानकारी भर सकेंगे। 1931 के बाद पहली बार अलग-अलग जातियों की गिनती भी होगी। साथ ही, पूरे देश में इमारतों का जियोटैग किया जाएगा जो पहले कभी जनगणना में नहीं हुआ। चलिए जानते हैं कि जियोटैगिंग क्या है और कैसे कराई जाती है। यह भी पढ़ें- कॉलेजियम ने की हाईकोर्ट के इन 3 जजों को चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश, देखें लिस्टजियोटैगिंग क्या है? जियोटैगिंग के जरिए किसी इमारत की लोकेशन को अक्षांश और देशांतर के जरिए डिजिटल नक्शे (GIS) पर मार्क करना होता है। GIS यानी जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम ऐसा कंप्यूटर सिस्टम है जो धरती की सतह पर किसी जगह की जानक...