देवघर, अक्टूबर 6 -- शहर के मुंशी नबी बक्श रोड अवस्थित सूफी शाह शकील खान कादरी के खानकाह में 14वां गौसुलवरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन अकीदत के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत हाफ़िज़ फहीमुद्दीन मिस्बाही की तिलावत-ए-क़ुरआन से हुई। कॉन्फ्रेंस की सदारत करते हुए पीर-ए-तरीक़त हज़रत सूफ़ी शाह शकील ख़ान क़ादरी ने कहा कि इस्लाम इंसानियत, मोहब्बत, भाईचारे और अमन का पैग़ाम देता है। हमें चाहिए कि इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलें और औलिया-ए-किराम की तालीमात को अपनी ज़िंदगी में उतारें। उन्होंने कहा कि हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जिन्हें गौस-ए-आज़म के नाम से जाना जाता है। जो इस्लामी इतिहास के महानतम औलिया में से एक हैं। गौस-ए-आज़म की करामातें बचपन से ही जानी जाती है। कॉन्फ्रेंस में हाफ़िज़ कारी अहमद नईमुद्दीन, मौलाना सिराज मिस्बाही, हाफ़िज़ शहीद रज़ा और मौलाना...
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