बिजनौर, जुलाई 6 -- जिले के विभिन्न इलाको में रोज़े आशूरा अकीदत और गमगीन माहौल में शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गया। यौमे आशूरा दसवीं मोहर्रम पर रविवार को इमामबाड़ा बुखारा में मजलिस बरपा की गई। मजलिस के बाद जुलजनाह (दुलदुल घोड़ा) बरामद हुआ। शाम 5 बजे जुलूसे अलम व ताजिया बरामद हुआ। इसके बाद जंजीरों से मातम व सीनाजनी करते हुए नई बस्ती स्थित कर्बला पर पंपरागत तरीके से ताजिए दफनाए गए। रविवार को इमामबाड़ा बुखारा पर दसवीं मोहर्रम की मजलिस को दोपहर 2:00 बजे खिताब करते हुए मौलाना रोशन अब्बास ने कर्बला में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कुर्बानी को बयां किया। उन्होंने कहा कि खलीफातुल मुसलमीन यजीद ने मौहम्मद साहब की शिक्षाओं को ही बदल दिया था। यजीद ने हरामें मौहम्मदी को हलाल और हलाले मौहम्मदी को हराम करार दे दिया था। इमाम हुसैन ने यजीद के इन कृत्यों का...
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