फिरोजाबाद, जून 25 -- फिरोजाबाद। इमरजेंसी के दौरान डीआईआर में जेल गए दिनकर प्रकाश गुप्ता उन दिनों की याद करते हुए कहते हैं कि उस वक्त कैसे हर तरफ डरावना माहौल था। सुहागनगरी के दिनकर प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि उस वक्त उनकी उम्र मात्र 14 वर्ष थी। संघ के स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते थे। नेता एवं संघ पदाधिकारी जेल में थे। कोई भी आवाज उठाने वाला नहीं था। जिसको भी चाहे पुलिस पुलिस मीसा में बंद कर देती थी। कोई सरकार की आलोचना करने की स्थिति में नहीं था। सड़क पर उतर कर कोई भी कुछ कहने की स्थिति में उस वक्त नहीं था। उस दौर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जो स्वयंसेवक जेल जाने से बच गए थे। वह भूमिगत होकर अपना कार्य कर रहे थे। इमरजेंसी लग जाने के छह माह बाद तत्कालीन प्रधानमत्री इंदिरा गांधी ने सभा में एक बयान दिया था, जिसका उल्लेख करना संभव नहीं है...