नई दिल्ली, जून 5 -- दुनिया की आबादी में बड़े इजाफे की सदी गुजर गई है। 20वीं सदी में दुनिया की आबादी में तेजी से इजाफा हुआ था। 1901 में वैश्विक जनसंख्या सिर्फ 1.6 अरब ही थी, जो फिलहाल 8 अरब के पार है। लेकिन जनसंख्या विज्ञानियों का अनुमान है कि जनसंख्या बढ़ने का शीर्ष स्तर जल्दी ही आने वाला है और फिर गिरावट का दौर होगा। यह गिरावट का दौर कई देशों में अस्तित्व के संकट जैसा होगा तो कुछ जगहों पर बुजुर्गों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि स्वास्थ्य समस्याएं चरम पर होंगी। बुजुर्गों की देखभाल के लिए युवाओं की संख्या बहुत कम हो जाएगी। वॉशिंगटन के इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मीट्रिक्स ऐंड इवैलुएशन (IHME) के अनुसार इस सदी के मध्य यानी 2050 तक दुनिया के 75 फीसदी देशों में जन्म दर रिप्लेसमेंट लेवल से कम हो जाएगी। इसका अर्थ हुआ कि कपल दो से भी कम बच्चे पैदा करेंगे।...