नई दिल्ली, फरवरी 1 -- 1. विकास में तेजी लाना बाजार में खपत बढ़े, इसके लिए 12 लाख तक की आय पर आयकर को शून्य कर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है, इससे लोगों की बचत बढ़ेगी और उस बचत का इस्तेमाल लोग अपनी जरूरतों पर खर्च कर पाएंगे। इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी। विकास को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके पीछे सरकार की कोशिश विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। 'मेक इन इंडिया के तहत राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की घोषणा की गई है। 2. सुरक्षित समावेशी विकास -देश में सभी क्षेत्रों व लोगों का सुरक्षित समावेशी विकास हो, इसका भी बजट में खासा ख्याल रखा गया है। इसी उद्देश्य के तहत मध्यवर्ग को जहां करों से राहत दी गई है, वहीं किसानों को केसीसी के जरिये सस्ती दर पर पांच लाख तक ऋण, महिलाओं, अनुसूचि...
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