लखनऊ, अक्टूबर 10 -- फोटो लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। आसिफी मस्जिद में नमाज-ए-जुमा के बाद मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन किया गया। मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने शहादत की अजमत और शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह की सेवाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों पर यह फर्ज है कि वे हर मजलूम की मदद करें, चाहे वह किसी भी धर्म या फिरके से ताल्लुक रखता हो। उन्होंने कहा कि इस्लाम में सबसे बड़ा जुर्म जुल्म है। याद रखिए, जुल्म पर खामोश रहने वालों का अंजाम भी जालिमों के साथ होगा। मौलाना ने कहा कि गाजा में हो रहे ज़ुल्म पर पूरी दुनिया सड़कों पर उतरी है, कौन सा ऐसा मुल्क है जहां इजरायली जुल्म के खिलाफ और गाजा के मजलूमों के समर्थन में प्रदर्शन नहीं हुए सिवाए अरब देशों के। उन्होंने कहा कि अरब देश अमेरिका और इजरायल के गुलाम हैं इसलिए इन देशों में फिलिस्तीन के समर्थन में दुआ ...