मेरठ, जून 26 -- ई-रिक्शा पर अंतिम यात्रा के इस सफर को गौर से देखिए। जिंदगी भर चक्की बने इंसान को अंतिम समय में चार कंधे भी नसीब नहीं हो सके, लेकिन इंसानियत आगे आई और यह शख्स ई-रिक्शा से अंतिम यात्रा कर अनंत यात्रा को चला गया। खुद को बिहार का बताने वाले एक मजदूर की बीमारी से मौत हो गई। किसी को भी नहीं पता था कि वह बिहार में कहां का रहने वाला है। वहां काफी भीड़ थी लेकिन सवाल था कौन करे अंतिम संस्कार। ऐसे में इंसानियत की खातिर एक व्यक्ति ने अपने ई-रिक्शा पर अर्थी रखी और सूरजकुंड के लिए चल दिया। लालकुर्ती से ई-रिक्शा पर चली यह अंतिम यात्रा शहर के कई हिस्सों से गुजरी। श्मशान पर तीन लोगों ने मिलकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया। फोटो अनुज कौशिक चीकू

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...