भागलपुर, नवम्बर 21 -- भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। भारतीय लोक संस्कृति में प्रत्येक ऋतु अपने साथ किसी न किसी पर्व-त्योहार की सौगात लेकर आती है। हिंदू धर्म में ऋतु परिवर्तन को मंगल भाव से मनाने की परंपरा को लेकर व्रत, पर्व और त्योहारों की निरंतर शृंखला लोक जीवन को बांधे रखती है। इस बार नेमान पर्व तृतीया मूल नक्षत्र 23 नवंबर रविवार को तथा सप्तमी धनिष्ठा नक्षत्र 27 नवंबर गुरुवार को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि रोहिणी, श्रवण, पुष्य, मृगशिरा, हस्त, रेवती, पुनर्वसू, अनुराधा, चित्रा, विशाखा, स्वाती, धनिष्ठा, मूल, अश्विनी, ज्येष्ठा और शतभिषा नक्षत्रों में नवान्न करना शुभ माना गया है।

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