पाकुड़, अगस्त 18 -- पाकुड़। दिल्ली व एनसीआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेजुबानों पर दिए गए बयान कि उन पशुओं को पकड़कर शेल्टर होम्स में रखा जाए को लेकर तफ्तीश की गई तो पता चला कि क्षेत्र में आवारा पशुओं पर काबू पाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था आज तक नहीं की गई है। आये दिन इन आवारा पशुओं के हमले से लोग घायल भी होते हैं। कई बार आवारा कुत्तों के काटने से लोग घायल हुए हैं। इन आवारा पशुओं के सड़क पर घूमने के कारण दुर्घटनाएं भी होती है। इसके अलावा सब्जी, फल विक्रेता भी इन सब से अक्सर परेशान रहते हैं। ये आवारा पशु दिनभर छोटे वाहन चालकों व दुकानदारों के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहते है। उसके बावजूद प्रशासन इन पशुओं को न तो गोशाला भेजने का प्रयास करती है। और न ही अन्यत्र स्थान पर ले जाया जाता है। इसके अलावा कई बार तो बंदर के हमले से भी कई स्कूली बच्चे घायल...
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