हल्द्वानी, फरवरी 2 -- हल्द्वानी। बसन्त पंचमी सरस्वती पूजन का दिवस है। सरस्वती विद्या की देवी है। विद्या जीवन के ऋणों से उऋण होने का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रत्येक मनुष्य तीन ऋणों से ऋणी है जिनसे उऋण होना ही जीवन का उद्देश्य है। ये विचार आर्यसमाज हल्द्वानी में रविवार को आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार में डॉ. विनय विद्यालंकार ने व्यक्त किए। यहां रानीखेत से बालक विवेक पपनै, हल्द्वानी से गौरव जोशी, हल्द्वानी के ही यशराज बिष्ट का उपनयन संस्कार ( जनेऊ) किया गया। बसन्त पंचमी पर्व की आहुतियां दी गईं एवं 1734 में सनातन धर्म के लिए बलिदान हुए बाल हकीकत राय का बलिदान दिवस भी मनाया गया। डॉ. विद्यालंकार ने बाल हकीक़त राय के संबंध में जानकारी दी। यहां धर्माचार्य विनोद आर्य, संरक्षक पीएल आर्य, मंत्री हरीश चन्द्र पन्त, वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मलिक, अनुज...
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