नई दिल्ली, जनवरी 31 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। आर्थिक सर्वेक्षण में स्वास्थ्य क्षेत्र की सुनहरी तस्वीर पेश करते हुए दावा किया गया है कि आयुष्मान भारत और अन्य योजनाओं के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी हुई है। इसके परिणामस्वरूप लोगों के जेब से होने वाले खर्च में भारी कमी आई है। इससे लोगों को सवा लाख करोड़ की बचत हुई। वित्त वर्ष 2015-2022 के बीच देश के कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकार की हिस्सेदारी 29 फीसदी से बढ़कर 48 फीसदी तक पहुंच गई। 2022 में स्वास्थ्य पर कुल अनुमानित व्यय 9.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो जीडीपी का 3.8 फीसदी है। इसे यदि वर्तमान मूल्यों पर देखें तो यह प्रति व्यक्ति 6602 रुपये होता है। 2019 से प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर बढ़ोतरी का भी रुझान देखा गया है लेकिन सरकारी हिस्सेदारी बढ़ने के कारण लोगों को फायदा हुआ औ...