नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक दुर्लभ मामले में संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत अपनी पूर्ण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उस व्यक्ति के खिलाफ पॉक्सो की कार्यवाही निरस्त कर दी, जिसने नाबालिग लड़की के साथ यौन संबंध बनाए और बाद में उससे शादी कर ली थी। अदालत ने यह भी कहा कि यह अपराध वासना का नहीं, बल्कि प्रेम का परिणाम था। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए. जी. मसीह की पीठ ने कहा कि पीड़िता (अब पत्नी) ने कहा कि उसकी शादी उस व्यक्ति (दोषी) के साथ हुई थी और उन दोनों का एक साल का बेटा भी है। वे अब खुशहाल जीवन जी रहे हैं। लड़की के पिता भी चाहते हैं कि उनकी बेटी के पति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही समाप्त हो। पीठ ने 28 अक्तूबर के अपने आदेश में कहा कि 'न्याय प्रदान करने के लिए एक सूक्ष्म दृष्टिकोण की जरूरत होती है। न्यायमूर्ति दत्ता...