नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसी व्यक्ति का पिछला रिकॉर्ड जमानत न देने का कारण नहीं हो सकता। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केरल के अलाप्पुझा जिले में दिसंबर 2021 में एसडीपीआई नेता के.एस. शान की हत्या के आरोपी आरएसएस के पांच कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आरोप-पत्र का उल्लेख किया और कहा कि 141 गवाहों से जिरह की जानी है और मुकदमे को पूरा होने में कुछ समय लगेगा। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल वस्तु स्थिति रिपोर्ट में अपीलकर्ताओं (आरोपियों) के अलग-अलग आपराधिक पिछले रिकॉर्ड का जिक्र किया गया, लेकिन अदालत ने कहा कि केवल ऐसे पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिय...