अलीगढ़, अक्टूबर 31 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। गरीब परिवार इलाज की आस में जब अस्पताल की चौखट पर पहुंचता है तो हाथ में 'फर्जी आयुष्मान कार्ड' देखकर उम्मीदें टूट जाती हैं। जिन पैसों से दवा खरीदी जानी थी, वो ठगों की जेब में जा चुके होते हैं। अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग कार्ड रद करने की बात तो करता है, मगर असली गुनहगार तक कोई जांच नहीं पहुंचती। यही कारण है कि ठगी का ये सिलसिला बेरोकटोक जारी है। अस्पतालों में पकड़े गए तीन सौ से अधिक कार्ड रद हो चुके हैं। ये कार्ड किन जालसाजों ने बनाए, इसकी जांच अब तक न हुई। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मिलने वाला आयुष्मान कार्ड गरीबों के लिए वरदान माना जाता है, लेकिन अब यह ठगों के लिए भी 'कमाई का जरिया' बन गया है। सासनीगेट क्षेत्र की एक महिला अस्पताल इलाज कराने पहुंची तो वहां जांच में उसका कार्ड ...