सीतामढ़ी, अगस्त 21 -- सीतामढ़ी। इस वर्ष जिले में आम की फसल बेहतर नहीं रहे। अधिकांश बागों में फलों की तुड़ाई हो चुकी है। लेकिन यह वक्त किसानों के आराम से बैठने के लिए नहीं है। बल्कि अगले वर्ष की पैदावार की नींव रखने की यही सही समय है। किसान प्राय इस अति महत्वपूर्ण समय को निष्क्रिय मान लेते है। जबकि यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। आम टूटने के बाद बाग के लिए किए गए कार्य ही यह तय करते हैं कि अगली बार पेड़ पर मंजर कितने आएंगे और फल की गुणवत्ता कैसी होगी। उल्लेखनीय है कि जिले में 22 हजार 500 टन आम का औसत उत्पादन होता है। जबकि 10 हजार परिवार जिले में आम की खेती से जुड़े है। जिले भर में चार हजार 500 हेक्टेयर में आम की खेती होती है और पांच टन प्रति हेक्टेयर जिले में आम की उत्पादकता दर है। पेड़ को करें छटनी, दें छाता का आकार : कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह...
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