सीतापुर, मार्च 5 -- सीतापुर। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिये सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित समय प्रबन्धन करते रहें। वर्तमान में आम की फसल को मुख्य रूप से भुनगा एवं मिज कीट तथा खर्रा रोग से क्षति पहुँचने की सम्भावना रहती है। भुनगा एवं मिज कीट के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.1 प्रतिशत एसएल (2.0 मिली/ली पानी) या क्लोरपाइरीफास (1.5 प्रतिशत (2.0 मिली/ली पानी) की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसी प्रकार खर्रा रोग के बचाव हेतु ट्राइडोमार्फ 1.0 मिली ली या डायनोकेप 1.0 मिली ली/ली पानी की दर से भुनगा कीट के नियंत्रण हेतु प्रयोग किये जा रहे घोल के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

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